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जुनून ने फिल्म इंडस्ट्रीज का रास्ता दिखाया – गिरजा शंकर अग्रवाल फिल्म इंडस्ट्रीज का रास्ता सरल भी है।

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जुनून ने फिल्म इंडस्ट्रीज का रास्ता दिखाया – गिरजा शंकर अग्रवाल फिल्म इंडस्ट्रीज का रास्ता सरल भी है।ओर काफी कठिन भी है। प्रत्येक कलाकार के जीवन में स्ट्रगल रहा है। तभी आगे बढ़े हैं। ओर सही लोगो का साथ और सही रास्ता दिखाने वाला यदि व्यक्ति मिल जाए । तो ऊंचाइयों तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होती हैं। लेकिन सही मार्गदर्शन देने वाले बहुत कम देखने को मिलते हैं । समय को देखते हुए धोखा देने वाले ज्यादा मिलेगे ।लेकिन समझदारी और सूझबूझ के साथ आगे बढ़ना चाहिए । इसी शौक के कारण परिवार के लोगों का अनादर और लोगो के द्वारा अपमान जनक रवैया को भी झेलना पड़ा। तथा लोगो के बीच मजाक का केंद्र बिंदु बने रहे। जिस कारण परिवार में विघटन की स्थिति को झेलना पडा । अन्य लोगो ने इसका पूरा पूरा लाभ उठाया। यदि आगे बढ़ना है । सब देखना पड़ता हैं। लेकिन किसी की परवाह नहीं करना चाहिए। मैने एक्टिंग, डायरेक्शन का डिप्लोमा किया है। और फिल्मी पत्रिकाएं ” सिनेमा, मिनी फिल्म रिपोर्टर, बेबाक बॉलीवुड खबरें , मायापुरी , सुपर सिनेमा, ट्रेड गाइड , बॉक्स ऑफिस ,स्क्रीन जैसी पत्रिकाओं को देखने एवं पढ़ने का मौका मिला। और फिल्म इंडस्ट्रीज के बारे में जानकारी मिलती गई। तथा नामी रिपोर्टर , रुबीना फिल्म डायरेक्ट्री, स्क्रीन वर्ल्ड ,फिल्म इंडिया जैसी फिल्म डायरेक्ट्री से भी बहुत कुछ देखने समझने का मौका मिला। मैं इस समय बॉलीवुड मैगजीन ” फिल्म हाउस , फिल्मों की रफ्तार, फिल्मी झलक अनेक समाचार पत्रों के लिए फिल्म रिपोर्टर का कार्य कर रहा हूं। मुझे इससे संबंधित कई अवार्ड मिल चुके हैं। इसी शौक का जुनून लिए मैने शंकर फिल्म्स बैनर का विफ्पा से रजिस्ट्रेशन करवाया था। क्योंकि राइटिंग,डायरेक्शन के साथ साथ फिल्म निर्माण करने का बहुत शौक था । और मैने विफ्पा से कई फिल्मों के टाइटल रजिस्ट्रेशन करवाए। लेकिन बजट के अभाव के कारण निराश होना पड़ा। फिल्म क्षेत्र में बजट प्रति लोगों की सोच बहुत ही निक्रिय तरीके की है। देश आगे बढ़ रहा है । देश प्रगति कर रहा है । लेकिन लोगों की सोच वही की वही है। जब कि फिल्म पितामह दादा साहेब फाल्के जी ने ” राजा हरिश्चंद्र ‘ फिल्म बनाकर लोगो को यह संदेश दिया था। कि फिल्म के माध्यम आध्यामिक ज्ञान उपलब्ध हो सकती हैं। ओर आज लोगों को फिल्म के माध्यम अनेक धार्मिक ,संस्कारिक धारावाहिक को देखने का मौका मिला। लोगो को अपने सनातन धर्म की जानकारी धार्मिक फिल्म ” बजरंग बली, हरिदर्शन , जय संतोषी मां, लाला हरदौल , रामानंद सागर की ” रामायण , प्रेम सागर की ” रामायण , बी.आर.चोपड़ा की ” महाभारत, जैसे सामाजिक धारावाहिकों ने घर घर में सनातन धर्म की नींव रखने का काम किया है। आध्यामिक,सामाजिक तथा धार्मिक संस्कारिक धारावाहिको ने घर घर में सामाजिक सांस्कृतिक एवं संस्कार देने का काम किया है। नजरिया अच्छा बुरा देखने का होता है। इसके पहिले रामायण ,महाभारत के पात्रों के बारे में ग्रंथों के बारे मे लोगो को ज्यादा जानकारी से परे था । जो देश तथा सामाजिक सांस्कृतिक घटनाओं के आधार पर ही फिल्मों तथा धारावाहिकों का निर्माण किया जाता रहा है। जैसे – ” कश्मीर फाइल, गांधी, सारांश, अंधा कानून, क्रांति , डायरी ऑफ बंगाल, इमरजेंसी के अलावा सी.आई. डी., क्राइम पेट्रोल , राजा हरिश्चंद्र , महारानी लक्ष्मी बाई , महाराणा प्रताप, जोधा अकबर , बेताल , ॐ नमः शिवाय, वीर हनुमान जैसे अनेक धारावाहिकों का निर्माण निर्माताओं ने किया है। उन्हें मै साधुवाद देना चाहता हूं।जिन्होंने समाज को नई दिशा देने का काम किया है। मुंबई महाराष्ट्र से स्टेट हेड शेख शकील शेख हैदर की खास रिपोर्ट

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Author: India Samachar

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