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असोथर में बिजली संकट: 33,000 लाइन ब्रेकडाउन से जनजीवन अस्त-व्यस्त, गर्मी में लोग बेहाल

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*असोथर में बिजली संकट: 33,000 लाइन ब्रेकडाउन से जनजीवन अस्त-व्यस्त, गर्मी में लोग बेहाल*

*असोथर / फतेहपुर :* उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के असोथर नगर में पिछले दो दिनों से बिजली संकट ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। 33,000 वोल्ट की मुख्य लाइन में बार-बार ब्रेकडाउन की समस्या ने न केवल नगर, बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों को भी प्रभावित किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि भीषण गर्मी के बीच बिजली की अनियमित आपूर्ति ने बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को भारी परेशानी में डाल दिया है। वहीं, व्यापारियों और होटल संचालकों का व्यापार भी इस संकट की चपेट में आ चुका है।

*दो दिन से बिजली आपूर्ति ठप, रात में भी राहत नहीं*

स्थानीय निवासियों के अनुसार, दो दिन पहले 33,000 वोल्ट की लाइन में ब्रेकडाउन के बाद बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई थी।
कल रात 10 बजे कुछ समय के लिए बिजली बहाल हुई, लेकिन रात 2 बजे फिर से फॉल्ट होने से आपूर्ति बंद हो गई। इस प्रचंड गर्मी में बिजली की कमी ने लोगों को रात-दिन परेशान कर रखा है।
असोथर उपकेंद्र पर एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों की मौजूदगी के बावजूद लाइन की मरम्मत में देरी ने लोगों का गुस्सा बढ़ा दिया है।
“बिजली न होने से व्यापार ठप, सामान हो रहा खराब”
असोथर नगर के व्यापारी और होटल संचालक इस संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।
स्थानीय व्यापारी राजू शिवहरे ने बताया, “बिजली के अभाव में कोल्ड ड्रिंक, ठंडा पानी और मिठाइयाँ खराब हो रही हैं।
ग्राहक आते हैं, लेकिन गर्मी में कुछ ठंडा न दे पाने से वे नाराज होकर चले जाते हैं।” होटल संचालक बसंत सिंह व दशरथ मोदनवाल ने कहा, “पिछले दो दिनों में बिजली की अनियमितता ने हमारा व्यापार चौपट कर दिया।
बिजली न होने से रेफ्रिजरेटर बंद हैं और सामान बर्बाद हो रहा है।”

*छह ग्रामीण फीडर भी प्रभावित*

असोथर उपकेंद्र से न केवल नगर, बल्कि थरियांव, गाजीपुर, जरौली, नरैनी, घरवासीपुर सहित छह ग्रामीण फीडरों को बिजली आपूर्ति दी जाती है। इन क्षेत्रों में भी बिजली की अनियमितता ने किसानों और ग्रामीणों को परेशान कर रखा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए बिजली की कमी ने खेती के काम को भी प्रभावित किया है।

*लोगों का आरोप: “कर्मचारियों की लापरवाही से बढ़ी समस्या”*

स्थानीय निवासी किसान यूनियन अराजनैतिक के महामंत्री दिनेश सिंह ने गुस्से में कहा, “असोथर उपकेंद्र पर इतने कर्मचारी होने के बावजूद लाइन की मरम्मत में दिन-रात लग जाते हैं।
कभी-कभी तो पूरा दिन भी लाइन ठीक नहीं हो पाती।
इस गर्मी में छोटे बच्चे और बुजुर्ग रात भर जाग रहे हैं।
” एक अन्य निवासी रमेश विश्वकर्मा विधातीपुर ने बताया, “पंखे और कूलर बंद होने से घर में गर्मी असहनीय हो गई है। बिजली विभाग को तुरंत इस समस्या का समाधान करना चाहिए।”

*विभागीय अधिकारियों का जवाब*

जब इस संकट के बारे में असोथर उपकेंद्र के जेई जितेंद्र जाट से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि 33,000 वोल्ट की लाइन में तकनीकी खराबी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है।

“हमारी टीम लगातार मरम्मत में जुटी है, लेकिन लाइन की जटिलता के कारण समय लग रहा है।
जल्द ही आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी,” अधिकारी ने आश्वासन दिया।

*लोगों की मांग: स्थायी समाधान*

स्थानीय लोग बिजली विभाग से इस समस्या का स्थायी समाधान करने की मांग कर रहे हैं।
उनका कहना है कि बार-बार होने वाले ब्रेकडाउन को रोकने के लिए लाइनों का उचित रखरखाव और पुराने तारों को बदलने की जरूरत है।
साथ ही, उपकेंद्र पर कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाने की भी मांग उठ रही है।

असोथर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली संकट ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है।
गर्मी के इस मौसम में बिजली की अनियमितता न केवल आम लोगों, बल्कि व्यापारियों और किसानों के लिए भी बड़ा संकट बन गई है।
बिजली विभाग को तत्काल इस समस्या का समाधान करना होगा, ताकि लोगों को राहत मिल सके और व्यापार-धंधे पटरी पर लौट सकें।

India Samachar
Author: India Samachar

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